जीवों का उपकार

जीवों का उपकार -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज का प्रवचन प्यारी धर्मानुरागिनी जनता ! चेतन आत्मा शरीर के अन्दर है, इसमें किसी को संशय नहीं होना चाहिए। उसके ऊपर शरीर के आवरण हैं- स्थूल, सूक्ष्म, कारण और महा- कारण के रूपों में। ये चारों किस्म के आवरण घूंघट हैं-परदे हैं। ये परदे खुल जायँ, … Read more

सावित्री के सतीत्व

सावित्री के सतीत्व –सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज सावित्री के सतीत्व की महिमा* *धर्मानुरागिनी प्यारी जनता!* आप देखते हैं कि एक आदमी का शरीर छूट गया। आप उसको कहते हैं कि मर गया, स्वर्गवास हो गया, परलोक चला गया। जो चला गया परलोक को, वह मरा नहीं; मरा शरीर, जिसका अग्नि संस्कार लोग करते … Read more

विषयों का उपभोग किस रूप में- सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज

🙏🕉️ जय गुरूदेव🕉️🙏   विषयों का उपभोग किस रूप में– सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज   *धर्मानुरागिनी प्यारी जनता!*   आपलोग अपने-अपने जीवनकाल में बरत रहे हैं। यह जीवनकाल कबतक रहेगा, कोई ठिकाना नहीं। सम्भव है कोई 50 वर्ष, कोई 80 वर्ष, कोई 100 वर्ष और कोई ज्यादे भी रहे। किंतु इस जीवन- काल … Read more

भगवान श्रीराम का प्रजा को उपदेश -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज

🙏🕉️ जय गुरूदेव 🕉️🙏   भगवान श्रीराम का प्रजा को उपदेश -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज  धर्मानुरागिनी प्यारी जनता!   हमलोग जहाँ रहते हैं, इसको संसार कहते हैं। यह संसार बहुत बड़ा है। इतना बड़ा है कि खड़ा होकर भी सम्पूर्ण संसार को नहीं देख सकते। ऊपर-नीचे कहीं भी संसार खत्म नहीं होता। देखने … Read more

एक को जानने से शान्ति मिलेगी -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज

🕉️ जय गुरूदेव 🕉️🙏 एक को जानने से शान्ति मिलेगी -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज  *धर्मानुरागिनी प्यारी जनता!* मनुष्य बहुत कुछ पहचानता है। कोई थोड़ा पहचानता है, कोई उससे ज्यादे तो कोई उससे भी ज्यादे पहचानता है। आजकल के वैज्ञानिकों ने बहुत चीजों को पहचाना है और बहुत चीजों का आविष्कार किया है, जिन्हें … Read more

काम करते हुए भी भजन करो।-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज 

🙏🕉️ *जय गुरूदेव* 🕉️🙏 काम करते हुए भी भजन करो।-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज प्यारे लोगो! शरीर में जीवात्मा का निवास है, इसीलिए शरीर जीवित मालूम होता है। शरीर जड़ है अर्थात् ज्ञानहीन पदार्थ है और जीवात्मा-चेतन अर्थात् ज्ञानमय पदार्थ है। दोनों का संग ऐसा है कि साधारणतः इसको कोई भिन्न नहीं कर सकता। … Read more

कायारूप कपड़ों को धो डालो -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज 

ज्ञान-योग-युक्त ईश्वर-भक्ति-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज ज्ञान-योग-युक्त ईश्वर-भक्ति-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज🙏🕉️ *जय गुरुदेव* 🕉️🙏 कायारूप कपड़ों को धो डालो -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज *धर्मानुरागिनी प्यारी जनता!* भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा कि जिस तरह मूँज से खींच-खींचकर सींक निकालते हैं, उसी तरह योगी आत्मा से शरीर को भिन्न करके … Read more

वार्य हिंसा को छोड़ो-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज 

🙏🕉️ *जय गुरूदेव* 🕉️🙏 वार्य हिंसा को छोड़ो-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज प्यारे लोगो! संतमत के सत्संग से बारम्बार कहा जाता है कि ईश्वर के लिए प्रत्येक को ऐसा ज्ञान रखना चाहिए कि वह आत्मगम्य है, इन्द्रियगम्य नहीं। तत्त्व रूप में परमात्मा वह है, जो चेतन आत्मा से पकड़ा जा सके, ग्रहण किया जा … Read more

मन-जीवात्मा में इतना मिलाप, जैसे दूध में घी -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज

🙏🕉️ *जय गुरूदेव* 🕉️🙏 मन-जीवात्मा में इतना मिलाप, जैसे दूध में घी -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज *प्यारे लोगो!* आपलोगों को यह अच्छी तरह जानने में आता होगा कि शरीर से जो कुछ भी काम करते हैं, उसको काम करने के लिए लगानेवाला मन है। मन यदि किसी काम को करने के लिए प्रेरणा … Read more

मौत को कौन नहीं जानता है?-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज 

🙏🕉️ जय गुरूदेव🕉️🙏 मौत को कौन नहीं जानता है?-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज धर्मानुरागी प्यारे महाशयो! यह बात कहने की आवश्यकता नहीं कि बुढ़ापा आता है, मृत्यु होती है। लोग बराबर इसको देखते ही हैं, फिर भी स्मरण के लिए संतलोग कहते हैं। जिस समय मृतक को उठाकर कोई श्मशान ले जाता है, उस … Read more