मौत को कौन नहीं जानता है?-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज 

🙏🕉️ जय गुरूदेव🕉️🙏 मौत को कौन नहीं जानता है?-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज धर्मानुरागी प्यारे महाशयो! यह बात कहने की आवश्यकता नहीं कि बुढ़ापा आता है, मृत्यु होती है। लोग बराबर इसको देखते ही हैं, फिर भी स्मरण के लिए संतलोग कहते हैं। जिस समय मृतक को उठाकर कोई श्मशान ले जाता है, उस … Read more

मेरा यहाँ कुछ नहीं है, सभी मेरे मालिक के हैं -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज 

🙏🕉️ *जय गुरूदेव* 🕉️🙏 मेरा यहाँ कुछ नहीं है, सभी मेरे मालिक के हैं -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज धर्मानुरागिनी प्यारी जनता! सबलोग अपनी मंगल-कामना करते हैं। सबलोग बराबर कर्म करते हैं। कर्म दो ही तरह के होते हैं-शुभ और अशुभ। इन दोनों कर्मों को करने के लिए लोग लगे रहते हैं। जो अशुभ … Read more

ज्ञान-योग-युक्त ईश्वर-भक्ति-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज

🙏🕉️ *जय गुरूदेव* 🕉️🙏 ज्ञान-योग-युक्त ईश्वर-भक्ति-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज *प्यारे लोगो!* यदि किसी दर्शनीय वस्तु की पहचान करनी हो, तो उसको आप किससे पहचान करेंगे? बहुत ही ठीक है कि उसकी पहचान आप अपनी आँखों से करेंगे। यदि गंध विषय हो, तो नाक से और शब्द विषय हो तो कान से पहचान करेंगे। … Read more

उत्तम संस्कृति -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज

🕉️ *जय गुरूदेव* 🕉️🙏 उत्तम संस्कृति -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज *धर्मानुरागिनी प्यारी जनता!* बिना आध्यात्मिकता के राजनीति में शांति नहीं आ सकती। संतों ने जगतकल्याणार्थ आध्या- त्मिकता के प्रचार का कार्य किया और आज भी वही बात चल रही है। हमलोग सुधरे हुए कम हैं। अच्छे आचरण से चलें, यही सुधार है। अच्छा … Read more

धन यौवन का गर्व न कीजै-सद्गुरु मेंहीं *धर्मानुरागिनी प्यारी जनता!

🙏🕉️ *जय गुरुदेव* 🕉️🙏 धन यौवन का गर्व न कीजै-सद्गुरु मेंहीं *धर्मानुरागिनी प्यारी जनता!* मैंने तो आज तक अपने को कुछ ऐसा नहीं जाना है। अपनी परख और अपनी जाँच से मैंने अपने को वैसा नहीं पाया, जैसा कि आपने अभिनंदन पत्र देकर मुझे सम्मानित किया है। मैं उसके सर्वथा अयोग्य हूँ। कल्ह भी आपलोगों … Read more

बिना प्रेम की सेवा ऊपरी भाव है- सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज 

🙏🕉️ *जय गुरूदेव* 🕉️🙏 बिना प्रेम की सेवा ऊपरी भाव है- सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज   *प्यारे सज्जनो!*   संतों के ज्ञान में सबसे विशेष बात ईश्वर का ज्ञान है, मोक्ष का ज्ञान है। यद्यपि दोनों वाक्य पृथक-पृथक मालूम होते हैं, किंतु दोनों दो नहीं, एक ही हैं। ज्ञान के साथ योग रहता … Read more

जीवनकाल में विदेहमुक्ति -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज

🙏🕉️ *जय गुरूदेव*🕉️🙏 जीवनकाल में विदेहमुक्ति -सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज *धर्मानुरागिनी प्यारी जनता!* हमलोग जितने हैं, सब-के-सब बंन्धन में पड़े हैं। हमारे ऊपर शरीर और संसार का बंधन है।जैसे कोई कारागार में हो, उसका आहाता बहुत बड़ा होता है। उसमें बहुत कोठरियाँ होती हैं। उसमें कारावास भोगनेवाले होते हैं। ब्रह्माण्डरूप कारागार का यह … Read more

#सदगुरु_महर्षि_मेंहीं_परमहंस_जी_महाराज_का_प्रवचन 

#सदगुरु_महर्षि_मेंहीं_परमहंस_जी_महाराज_का_प्रवचन  कल्याणमार्ग में जानेवाले की कभी दुर्गति होती ही नहीं प्यारे लोगो !   मैं चाहता हूँ कि आपको ईश्वर-स्वरूप का यथार्थ ज्ञान हो और अपने तईं (स्वयं) का यथार्थ ज्ञान हो। चूँकि सबके सब सुख को बहुत प्यार करते हैं, सुख के लिए ही तमाम कीवन परिश्रम करते हैं, इसलिए जो सुख पूर्ण रूप … Read more

ईश-स्तुति (प्रातः कालीन) -संतमत 

ईश-स्तुति (प्रातः कालीन) -संतमत ———————————————- सब क्षेत्र क्षर अपरा परा पर औरू अक्षर पार में। निर्गुण के पार में सत् असत् हू के पार में ।।1।। सब नाम रूप के पार में मन बुद्धि वच के पार में। गो गुण विषय पँच पार में गति भाँति के हू पार में।।2।। सूरत निरत के पार में … Read more

सज्जनों का धर्म क्या है?-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज 

सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज

सज्जनों का धर्म क्या है?-सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज    *प्यारी जनता! 🙏🕉️ *जय गुरुदेव* 🕉️🙏 सज्जनों का धर्म क्या है? *प्यारी जनता! आपलोग और संसार के लोग पूर्ण शान्तिपूर्वक रहना चाहते हैं। मनुष्य ही क्या? संपूर्ण प्राणी सुख पाने की इच्छा करते हैं, चेष्टा करते हैं; किंतु पूर्ण संतुष्टि नहीं होती। सांसारिक सुख … Read more